बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन
प्रश्न- 'चीन-पाकिस्तान धुरी एवं भारतीय सुरक्षा' पर एक निबन्ध लिखिए।
अथवा
पाकिस्तान और चीन के सन्दर्भ में भारत की सुरक्षा समस्याओं की विवेचना कीजिए।
अथवा
'पाक-चीन गठजाड़ के कारण उभरी चुनौतियों का सामना करता भारत' की व्याख्या कीजिए।
अथवा
वर्तमान चीन-पाक सम्बन्धों के भारतीय सुरक्षा पर पड़े प्रभाव का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
उत्तर -
'चीन-पाकिस्तान की धुरी एवं भारतीय सुरक्षा'
वर्तमान समय में जो राष्ट्र अपनी सुरक्षा स्वयं नहीं कर सकता, उसकी सुरक्षा कोई अन्य राष्ट्र नहीं कर सकता। विकसित एवं विकासशील राष्ट्र अपनी आकाक्षांओं की पूर्ति अविकसित तथा निर्धन राष्ट्रों को माध्यम बनाकर युद्ध का तनावपूर्ण वातावरण उत्पन्न करके करते हैं। भारत जैसे विकासशील देश की सभी समस्याओं का समाधान स्वदेशी स्रोतों को विकसित करके ही किया जा सकता है।
1947 ई. में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् ही पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण पर अपनी आकांक्षाओं को स्पष्ट कर दिया था, पाकिस्तान एवं चीन ने प्रारम्भ से ही भारत पर युद्ध थोपने का प्रयास किया है। बांग्लादेश को एक स्वतन्त्र राष्ट्र का दर्जा दिलाने में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान अब भारत के अभिन्न अंग कश्मीर को भारत से पृथक करने निरन्तर प्रयत्नशील है। भारतीय प्रभाव को दक्षिण एशिया में कम करने तथा अपने स्वार्थ की पूर्ति हेतु अमेरिका भी निरन्तर पाकिस्तान को शस्त्र इत्यादि की समय-समय पर आपूर्ति करता रहा है, जिसने भारतीय सुरक्षा को निरन्तर खतरा पैदा किया है। हाल ही में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा पाकिस्तान को अत्याधुनिक 71 एफ 16 विमानों की आपूर्ति की घोषणा से भारतीय सुरक्षा को पुनः गम्भीर खतरा पैदा हो गया है। दक्षिण श्रीलंका से यद्यपि भारत के सम्बन्ध खराब नहीं है, परन्तु फिर भी वहाँ की पर्याप्त तमिल उग्रवादी समस्या कुछ न कुछ समस्या दोनों ही राष्ट्रों के लिए खड़ी रहती है।
भारतीय सुरक्षा समस्या - कोई राष्ट्र जिन स्रातेजिक वातावरण (Strategic Environment) में जी रहा हो वहाँ वे खतरे पैदा होते हैं, जो उसकी सुरक्षा को जन्म दे सकते हैं। पिछले बीस वर्षों में भारत को तीन बार अपनी प्रभुसत्ता (Sovereignty ) एवं क्षेत्रीय अखण्डता (Territorial Integrity) की रक्षा करनी पड़ी है। अफगानिस्तान में अस्थिरता की स्थिति एवं सोवियत संघ के विघटन ने भारत के लिए नई समस्यायें खड़ी कर दी हैं। वह सोवियत संघ जिसने विपरीत परिस्थितियों में सदैव ही भारत का साथ दिया था आज विभिन्न छोटे-छोटे राष्ट्रों में बिखर गया है। भारत को इन समस्त राष्ट्रों के साथ नये सिरे से अपने सम्बन्ध बनाने पड़ रहें हैं। जबकि पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर सोवियत संघ से टूटे हुए इस्लामिक राष्ट्रों से भारत के विरुद्ध सहायता प्राप्त करने का निरन्तर प्रयास कर रहा है।
जहाँ भारत को एक ओर चीन और पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर भारी सैन्य शक्ति लगानी पड़ रही है तथा उसे आधुनिक स्तर पर बनाये रखना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर उस पर अपने विशाल सागर तट की रक्षा का भार भी है। हिन्द महासागर में पिछले दो दशक से निरन्तर बढ़ रही महाशक्तियों की होड़ ने विश्व के इस क्षेत्र की परम्परागत शान्ति को गम्भीर खतरा पैदा कर दिया है। भारत हिन्द महासागर क्षेत्र में बढ रहे शान्ति संघर्ष से गम्भीर रूप से प्रभावित है। तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा अफगानिस्तान में सैनिक हस्तक्षेप करने से इस क्षेत्र की स्रातेजिक स्थिति और भी गम्भीर हो गई है। पाकिस्तान ने रूसी आक्रमण का भय दिखलाकर अमेरिका, चीन तथा कुछ मुस्लिम देशों से आर्थिक तथा सैनिक सहायता प्राप्त की, जिसका प्रयोग पाकिस्तान ने प्रारम्भ में अफगान गुरिल्लों को रूस के विरुद्ध तथा अब भारत के विरुद्ध करने को निरन्तर प्रत्नशील है। अतः अब भारत को अपनी रक्षा नीति का निर्माण एवं नियोजन अपने चारों ओर की त्रातेजिक वातावरण में होने वाले परिवर्तन तथा रूढ़िगत युद्ध के बदलते स्वरूप को ध्यान में रखकर ही करना होगा।
रक्षा सम्बन्धित अपने समस्त महत्वपूर्ण निर्णय जनता द्वारा चुनी गई सरकार लेती है। तथा इन निर्णयों की पुष्टि भी जनता द्वारा चुने संसद सदस्यों द्वारा की जाती है। अतः आज यह अत्यन्त आवश्यक हो गया है कि वे लोग जो जनता के प्रतिनिधियों के रूप में संसद में चुनकर जाते हैं, भारत की सुरक्षा तथा रक्षा समस्याओं से पूरी तरह अवगत हों। आम भारतीय जनमानस को भी आज ऐसी तैयारियों से अवगत कराना अत्यावश्यक हो गया है, क्योंकि वह भी देश की सुरक्षा और सैनिक तैयारियों के मामलों में गहरी रुचि लेने लगी है।
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- प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र और राज्य में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए तथा सुरक्षा के आवश्यक तत्वों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित करते हुए सुरक्षा के निर्धारक तत्वों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। राष्ट्रीय हित में सुरक्षा क्यों आवश्यक है? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा के तत्वों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सामाजिक समरसता का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भारत के प्रमुख असैन्य खतरे कौन से हैं?
- प्रश्न- भारत की रक्षा नीति को उसके स्थल एवं जल सीमान्तों के सन्दर्भ में बताइये।
- प्रश्न- प्रतिरक्षा नीति तथा विदेश नीति में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा का विश्लेषणात्मक महत्व बताइये।
- प्रश्न- रक्षा नीति को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्वों के विषय में बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा सुरक्षा नीति से आप क्या समझते है?
- प्रश्न- भारत की रक्षा नीति का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित करते हुए शक्ति की अवधारणा का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति की रूपरेखा बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित कीजिए तथा अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के तत्वों का परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- "एक राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधन उसकी शक्ति निर्माण के महत्वपूर्ण तत्व है।' इस कथन की व्याख्या भारत के सन्दर्भ में कीजिए।
- प्रश्न- "किसी देश की विदेश नीति उसकी आन्तरिक नीति का ही प्रसार है।' इस कथन के सन्दर्भ में भारत की विदेश नीति को समझाइये।
- प्रश्न- भारतीय विदेश नीति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- कूटनीति का क्या अर्थ है? बताइये।
- प्रश्न- कूटनीति और विदेश नीति का सह-सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- 'शक्ति की अवधारणा' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति पर मार्गेनथाऊ के दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के आर्थिक तत्व का सैनिक दृष्टि से क्या महत्व है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति बढ़ाने में जनता का सहयोग अति आवश्यक है। समझाइये।
- प्रश्न- विदेश नीति को परिभाषित कीजिये तथा विदेश नीति रक्षा नीति के सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शीत युद्ध के बाद के अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O.) पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये -(i) सुरक्षा परिषद् (Security Council), (ii) वारसा पैक्ट (Warsa Pact), (iii) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO), (iv) दक्षिण पूर्वी एशिया संधि संगठन (SEATO), (v) केन्द्रीय संधि संगठन (CENTO), (vi) आसियान (ASEAN)
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा स्पष्ट कीजिए तथा इनके लाभ पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- क्या संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व में शान्ति स्थापित करने में सफल हुआ है? समालोचना कीजिए।
- प्रश्न- सार्क पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन के विभिन्न रूपों तथा उद्देश्यों का वर्णन करते हुए इसके सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- 'क्षेत्रीय सन्धियों' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- समूह 15 ( G-15) क्या है?
- प्रश्न- स्थाई (Permanent) तटस्थता तथा सद्भावनापूर्ण (Benevalent) तटस्थता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नाटो (NATO) क्या है?
- प्रश्न- सीटो (SEATO) के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- सार्क (SAARC) क्या है?
- प्रश्न- दक्षेस (SAARC) की उपयोगिता को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- “सामूहिक सुरक्षा शांति स्थापित करने का प्रयास है।" स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- 'आसियान' क्या है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुटनिरपेक्षता (Non-Alignment) तथा तटस्थता (Neutrality) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शक्ति सन्तुलन को एक नीति के रूप में समझाइये।
- प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा और संयुक्त राष्ट्र संघ पर एक टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित कीजिये।
- प्रश्न- निःशस्त्रीकरण और आयुध नियंत्रण में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- शस्त्र नियंत्रण और निःशस्त्रीकरण में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आन्तरिक व बाह्य खतरों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के अन्तर्गत भारत को अपने पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान तथा चीन से सम्बन्धित खतरों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'चीन-पाकिस्तान धुरी एवं भारतीय सुरक्षा' पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व एवं अर्थ की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- गैर-सैन्य खतरों से आप क्या समझते हैं? उनसे किसी राष्ट्र को क्या खतरे हो सकते हैं?
- प्रश्न- देश की आन्तरिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्तमान समय में भारतीय आन्तरिक सुरक्षा के लिए मुख्य खतरों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत की आन्तरिक सुरक्षा हेतु चुनौतियाँ कौन-कौन सी है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रक्षा की अवधारणा बताइए।
- प्रश्न- खतरे की धारणा से आप क्या समझते हैं? भारत की सुरक्षा के खतरों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्र की रक्षा योजना क्या है और इसकी सफलता कैसे निर्धारित होती है?
- प्रश्न- "एक सुदृढ़ सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए विकसित प्रक्षेपास्त्रों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- पाकिस्तान की आणविक नीति का भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- चीन के प्रक्षेपात्र कार्यक्रमों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन की परमाणु क्षमता के बारे में बताइए।
- प्रश्न- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- भारत के लिये नाभिकीय शक्ति (Nuclear Powers ) की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त लेख लिखिये।
- प्रश्न- पाकिस्तान की परमाणु नीति की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- क्या हथियारों की होड़ ने विश्व को अशान्त बनाया है? इसकी समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- N. P. T. पर बड़ी शक्तियों के दोहरी नीति की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध संधि (CTBT) के सैद्धान्तिक रूप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- MTCR से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय मिसाइल रक्षा (NMD) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- परमाणु प्रसार निषेध संधि (N. P. T.) के अर्थ को समझाइए एवं इसका मूल उद्देश्य क्या है?
- प्रश्न- FMCT क्या है? इस पर भारत के विचारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शस्त्र व्यापार तथा शस्त्र सहायता में क्या सम्बन्ध है? बड़े राष्ट्रों की भूमिका क्या है? समझाइये |
- प्रश्न- छोटे शस्त्रों के प्रसार से आप क्या समझते हैं? इनके लाभ व हानि बताइये।
- प्रश्न- शस्त्र दौड़ से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र सहायता तथा व्यापार कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र व्यापार करने वाले मुख्य राष्ट्रों के नाम बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये वाह्य व आन्तरिक चुनौतियाँ क्या हैं? उनसे निपटने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भारत की सुरक्षा चुनौती को ध्यान में रखते हुए विज्ञान एवं तकनीकी प्रगति की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- भारत में अनुसंधान तथा विकास कार्य (Research and Development) पर प्रकाश डालिए तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों का भी उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- "भारतीय सैन्य क्षमता को शक्तिशाली बनाने में रक्षा उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।' उपरोक्त सन्दर्भ में भारत के प्रमुख रक्षा उद्योगों के विकास का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- नाभिकीय और अंतरिक्ष कार्यक्रम के विशेष सन्दर्भ में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- "एक स्वस्थ्य सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए